हमारी नन्ही परी

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पंखुरी

Tuesday, August 3, 2010

पंखुरी के गैज़ेट्स (दो)

अब ये बात तो सबको पता ही हो चुकी है कि पंखुरी बेटी को अपने खिलौनो से भी ज़्यादा मज़ेदार बडों की चीज़ें लगती हैं. पापा , चाचू और बुआ का मोबाइल लेकर जो नंबर डायल करने में बिटिया को सबसे ज़्यादा मज़ा आता है ,वो नंबर है- १०० ........... , ये कित्ता आसान भी तो है . है न !!!
यही हाल टीवी के रिमोट का भी है . ये पंखुरी बेटी के फ़ेवरिट सामानों में एक है. इसमें भी काफ़ी मज़ा है . बटन कुछ भी दबे , चैनल्स तो बदलेंगे ही. इसकी मदद से पंखुरी अपना फ़ेवरिट कार्टून चैनल भी ढूँढ निकालती हैं. रिमोट की सबसे अच्छी बात ये है कि जब टीवी बन्द हो तो, इसकी बैटरीज़ निकाल कर खेला जा सकता है . क्या बात है !!!
वैसे घर में कुछ और मज़ेदार और काम की चीज़ें हैं,जो पंखुरी को आकर्षित करती हैं और फिर चाहे कहीं भी छुपी हो पंखुरी उन सामानो को ढूँढ ही लेती हैं- जैसे दवाइयाँ !!! इन्हें खोला जाता है फिर फेंका जाता है. यही इनसे खेलने का तरीका है. वैसे इस खेल पर पापा की टेढी नज़र पड चुकी है और घर की सारी दवाइयाँ छुपायी जा चुकी हैं तो पंखुरी बेटी के जिम्मे कोई दूसरा ऐसा ही मज़ेदार खेल ढूँढने का काम आ गया है .

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