बस कल से पंखुरी का स्कूल शुरू ..... सारा घर उत्साह और उमंग से भरा है... बेटी की तैयारी में सब के सब बिज़ी...बहुत सारे काम हैं और थोड़ा सा डर भी सबके मन में ....कैसा होगा बिटिया का स्कूल में पहला दिन .... कही वो घबरा तो नहीं जाएगी ? कहीं रोने न लगे...कहीं डर न जाये...सब ठीक तो होगा न ...बिटिया को अपना स्कूल पसंद तो आएगा न...और पहले दिन ही इतने सारे बच्चे ...बेटी ऐसा नज़ारा भी पहली बार देखेगी...अब तक अपने घर की दुनिया ही बेटी का साम्राज्य था जहाँ बेटी का निद्वंद राज्य चलता है...अब स्कूल में इतने हमउम्र बच्चों के बीच बेटी ताल-मेल बिठा पायेगी या नहीं.... बिठाना तो है ही बस कितना समय लगेगा कहा नहीं जा सकता.
....और हाँ बच्चो की इस भीड़ के बीच ही तो कहीं होगा वो भी ....जो धीरे-धीरे बेटी का बेस्ट फ्रेंड बन जायेगा. इस समय उसके घर भी तो कुछ ऐसी ही तैयारियां चल रही होंगी. बच्चे कितनी जल्दी बड़े हो जाते हैं न ...या फिर वक्त कितनी तेज़ी से उड़ता चला जाता है...इन फ़ोटोज़ को देख कर तो कुछ ही एहसास होता है.......
सचमुच...पापा, मम्मी, बुआ,चाचू की नन्ही परी और बाबा की सोन-चिरैया अब बड़ी हो गयी है और बस कल से स्कूल जाना शुरू करने वाली है...आगाज़ होने वाला है उसके सपनों की नई उड़ान का ..........२८ मार्च २०१२ , हाँ सबके लिए ये सिर्फ एक तारीख़ ही है लेकिन हमारे लिए एक बहुत ही ख़ास दिन जिसे हम हमेशा अपने ज़ेहन में रखेंगे और बेटी के लिए भी इस ब्लॉग के पन्नों में ये खासियत हमेशा सुरक्षित रहेगी....उसके स्कूल का पहला दिन...