हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Saturday, July 2, 2011

नयी अदाएं ,नए जलवे...

पंखुरी मतलब कॉपी कैट ..... अरे नहीं-नहीं मजाक नहीं ...एकदम सच्ची...! बेटी के सामने जो कुछ भी होता है उसे  हू-ब-हू दोहराए बिना बेटी का काम पूरा नहीं होता.किस्से बहुत से हैं ...क्या-क्या कहा जाए , बताया जाए ! आजकल बेटी का मन साड़ी पर आया हुआ है. उनके सामने साड़ी पहनो तो उन्हें भी ज़रूर पहननी होती है.अक्सर बुआ सुबह जब ऑफिस जाने के लिए साड़ी पहन रही हो तब बेटी उसी साड़ी को पहनने की जिद करने लगती हैं और बुआ का तैयार होना मुश्किल हो जाता है. 
ऐसे में ये है एक नयी तरकीब ... , जिससे बेटी भी खुश और बुआ भी...!
देख कर बताइए कैसी लगी...? अरे बाबा , तरकीब नहीं... इस गेटअप में हमारी बिटिया रानी !
ओहो ...साड़ी संभाल गोरी....

उफ़ ... तेरी अदा....
wearing SARI with Grace !!
सिर पर पल्लू के साथ ...खजूर का पेड़ ... देखा था कभी ?? 


 ...और हाँ लगे हाथ ये भी जान लें कि ये शेडेड साड़ी... असल में बुआ का दुपट्टा है ... ही-ही-ही-ही !!

Friday, July 1, 2011

सफलता भरा एक वर्ष पूरा ....!

जी हाँ पूरा एक वर्ष...!पिछले साल जून की चौबीस तारीख को पंखुरी Times ...! का प्रकाशन शुरू हुआ था... और इसके साथ ही शुरू हुआ था बेटी की मासूम-नटखट बातों को अपने सभी अपनों से बांटने का सिलसिला...!उस समय बेटी डेढ़ साल की हो गयी  थीं.इस सिलसिले को और भी ज्यादा सुन्दर और विशेष बनाया आप सबके उस अनमोल प्यार और आशीर्वाद ने,जो आपने बेटी को दिया...वो भी बिना किसी शर्त के...!और यही पंखुरी Times ...! की अमूल्य सम्पदा भी है.
आज एक जुलाई से ये अनूठा-प्यारा-न्यारा ब्लॉग अपना नया सालशुरू कर रहा है.इसवर्षबेटीकी बढ़ती बदमाशियों और गतिविधियों का ब्यौरा और बढ़-चढ़ के पढ़नेको मिलेगा.वोहर दिन कुछ नया जो सीख रही हैं. 
इस ख़ास मौक़े पर आज पेश हैं बेटी की कुछ मनमोहनी मुद्राएँ फोटो की शक्ल में, तब की,जब वो केवल पांच महीने की थीं और आँखों से झलकती मासूम शरारती मुस्कान तब भी कुछ कम नहीं थी ...सच्ची .... आप खुद ही देख लीजिये न...

इस गोलू डॉल के मुँह में तो दाँत ही नहीं .....

शोना-मोना की ....
.....लुका-छिपी .......
नहाऊ-नहाऊ ...वो भी बाथटब में....!
नन्ही परी.....सोच में पड़ी ......!