पंखुरी मतलब कॉपी कैट ..... अरे नहीं-नहीं मजाक नहीं ...एकदम सच्ची...! बेटी के सामने जो कुछ भी होता है उसे हू-ब-हू दोहराए बिना बेटी का काम पूरा नहीं होता.किस्से बहुत से हैं ...क्या-क्या कहा जाए , बताया जाए ! आजकल बेटी का मन साड़ी पर आया हुआ है. उनके सामने साड़ी पहनो तो उन्हें भी ज़रूर पहननी होती है.अक्सर बुआ सुबह जब ऑफिस जाने के लिए साड़ी पहन रही हो तब बेटी उसी साड़ी को पहनने की जिद करने लगती हैं और बुआ का तैयार होना मुश्किल हो जाता है.
ऐसे में ये है एक नयी तरकीब ... , जिससे बेटी भी खुश और बुआ भी...!
देख कर बताइए कैसी लगी...? अरे बाबा , तरकीब नहीं... इस गेटअप में हमारी बिटिया रानी !
ओहो ...साड़ी संभाल गोरी.... |
उफ़ ... तेरी अदा.... |
wearing SARI with Grace !! |
सिर पर पल्लू के साथ ...खजूर का पेड़ ... देखा था कभी ?? |
...और हाँ लगे हाथ ये भी जान लें कि ये शेडेड साड़ी... असल में बुआ का दुपट्टा है ... ही-ही-ही-ही !!