हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Tuesday, September 13, 2011

No photoz Please......मैडम का मूड नहीं है !

निराली बिटिया की निराली बातें ....! अब वो दिन हवा हुए जब बेटी के मनचाहे फ़ोटोज़ और मनभावन पोजेज़ निकल लेना हमारे बाएं हाथ का खेल हुआ करता था.अब तो बेटी की फोटो खींचना एक टेढ़ी खीर हो चुका है.
जहां हमने कैमरा निकला ... कहानी शुरू...
अव्वल तो कैमरा पंखुरी को चाहिए होता है. जीहाँ, बिटिया आजकल डिज़िटल कैमरे से खूब फ़ोटोग्राफ़ी कर रही हैं तो कैमरा देखते ही उन्हें चाहिए होता है ...
उसके बाद अगर मूड बिगड़ा तो पीठ कैमरे की ओर.... और सीधा जवाब -
 '' पोतो नईं '' 
फिर उसके बाद तो आप मानते रहिये मैडम को ...नहीं मतलब नहीं...
बात साबित करने के लिए तस्वीर के साथ सबूत भी पेश है...कल शाम बुआ ने बेटी की फोटो खींचनी चाही...मैडम का मन नहीं था...लेकिन फिर भी जब बुआ ने फोटो लेने की ज़िद नहीं छोड़ी तो देख लीजिये बेटी के अंदाज़...
कैमरा क्लिक होता रहा...फ्लेश चमकता रहा...और मैडम पूरे मामले को वैसे ही इग्नोर करती रहीं जैसे सेलिब्रिटीज़ करती हैं.









अब बेटी को गुस्सा आ रहा था ...उन्होंने हाथ दिखा कर बुआ से कहा
'' बछ  ''....

और फिर अपनी बुक पर झुक गयीं....
फिर ..... फिर क्या कैमरा ऑफ़ ....काम ख़त्म !!!!