आखिर वो दिन ही पहुंचा है जिसका हम सबको न जाने कब से इंतज़ार था.बस कुछ ही दिन बाद ( २८ मार्च ) से नन्ही बिटिया स्कूल जाएगी . एडमिशन हो चुका है . सारी औपचारिकता धीरे-धीरे पूरी हो रही हैं ..पूरे जोश-ओ-ख़रोश के साथ.
नयी-नयी यूनिफ़ॉर्म...नया स्कूल बैग...नयी बुक्स...पेन्सिल बॉक्स...टिफिन बॉक्स...वाटर बोटल...और भी जाने क्या-क्या...
और बिटिया के उत्साह के तो कहने ही क्या...वो तो छः महीने पहले यानी ढाई साल की उमर से ही कूल जाने का इंतज़ार कर रही हैं.
अब जब ऐसा होने ही वाला है तो मन में जाने कैसे-कैसे ख़याल उमड़-घुमड़ चले आ रहे हैं.हम सबकी लाडली , घर भर को अपनी मासूम खिलखिलाहट और शरारतों से गुलज़ार रखने वाली हमारी नन्ही परी पहली बार बाहर की दुनिया से रिश्ता बनाने जा रही है ...वो पहला कदम जो बेटी को उसकी मंजिल की ओर ले जायेगा.अपनी पहली क्लास में बिटिया यूं तो पहला साल खेल-कूद में बिताएंगी ( प्ले ग्रुप जो है ) लेकिन वो उनके स्कूल का पहला साल भी तो होगा जो बिला शक बेहद महत्वपूर्ण होगा.
सोच कर ही अजब एहसास से मन भर सा जाता है कि अब से बिटिया की भी अपनी दुनिया बनेगी ...उसके अपने सपनों की, उम्मीदों की, परिचितों की, दोस्तों की प्यारी सी दुनिया...वही दूसरी ओर मन ये सोच कर थोड़ा घबरा भी जाता है कि अब से हमारी नन्ही पंखुरी की जिंदगी में एक नयी चीज़ का आगमन होगा जो धीरे-धीरे उसे समझदार और परिपक्व बनता जायेगा और वो है - ज़िम्मेदारी...
ज़िम्मेदारी ....एक नए तरीके से सबकुछ समझने की. अब तक हर काम अपनी मर्ज़ी से करने करवाने की आदी हमारी राजकुमारी को अब से एक नियम से जागना होगा-सोना होगा,पढना होगा,बिना इच्छा के भी कुछ काम निपटने होगें, अपने मन की छोड़ दूसरों के मन का करना भी सिखाना होगा....और फिर........
फिर सुच्चे मोती सी सच्ची पारदर्शी हमारी नन्ही को शायद वक्त ज़रूरत पर सच के ऊपर झूठ को तरजीह देना भी सीख ही लेना होगा...भगवान करे ये होने में बहुत साल लगें लेकिन ये तो सच है ही कि इसकी शुरुआत का वक्त वही होगा जब से वो बाहरी दुनिया के संपर्क में आएगी....
अब तक हर पल हमारी निगहबानी में ओस की बूँद सी सुरक्षित रहने वाली बेटी को घंटों हम सबकी नज़रों से दूर उन लोगों के साथ रहना भी सीखना होगा जिन्हें वो जानती-पहचानती नहीं...फिर वही से जान-पहचान के नए सिलसिले बनाने होगें.
जाने कितनी नितांत उसकी अपनी परेशानियां, संघर्ष,सवाल और चिंताएं भी उसके साथ लग लेंगी.ओह ....सोच की गति तो बेलगाम होती जाती है...मगर लगाम तो लगनी होगी...दिन पखेरू से उड़ते जाते हैं और हमें हर दिन का नए उत्साह से स्वागत करने के लिए तैयार होना ही चाहिए....
बस इतना हो कि हमें बेटी के नए सफ़र में कदम-दर -कदम उसका साथ देने की क्षमता,योग्यता, सामर्थ्य और साहस ईश्वर देता रहे....
आमीन !11
Enjoy your school Days My dear Pankhuri!
ReplyDeleteLots of Love-
uncle
सचमुच, ये समय अजीब कशमकश भरा होता है... चिंताओं दुश्चिंताओं में लिपटी ये खुशी हमारे मन को कमज़ोर करने के सभी सामान साथ ले कर आती है... खैर ये चिंताएं तो समय के साथ घटती बढ़ती रहेंगी... हमारी तो बस यही दुआ है कि पंखुरी अपने जीवन-पथ पर यूँ ही आगे बढ़ती रहे और उसका हर नया कदम सुन्दर भविष्य के नए द्वार खोलता रहे... अपनी मन-मोहिनी अदाओं और अनूठे करतबों से सबका दिल जीतने वाली नन्ही गुड़िया जीवन की बड़ी-बड़ी चुनौतियों को जीत कर नित नए कीर्तिमान स्थापित करे... हमारा स्नेह और आशीर्वाद हर कदम उसके साथ है...लेकिन इन सब बड़ी-बड़ी बातों के लिए तो अभी पूरी उम्र पड़ी है... फ़िलहाल तो प्यारी सी पंखुरी का प्यारा सा स्कूल और उसमें होने वाली ढेर सारी मस्ती की ढेर सारी रिपोर्ट का इस अखबार में हम इंतज़ार कर रहे हैं....ढेर सारी शुभकामनाएँ और प्यार...!!!.....
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