पंखुरी टाइम्स का एक अंक पंखुरी बेटी के शब्दकोष के बारे में था, आपने ज़रूर पढा होगा.बिटिया के विकास क्रम में शब्द बोलना सीखने और खुद नये शब्द गढने की प्रक्रिया रोज़ चल रही है. हम उन्हें बोलना सिखाते हैं और जो नये शब्द वो बनाती हैं , उन्हें सीख भी जाते हैं.आखिर कम्यूनिकेशन गैप नहीं होना चाहिये... है न....! दिसंबर की बीस तारीख को पंखुरी दो साल की हो जायेंगी. इस दौरान वो जो कुछ भी सीख रही हैं वो किसी और के लिये न सही हमारे लिये तो कीमती है ही और बडे होने पर बेटी के लिये भी यादगार होगा. यही सोचकर हमने एक योजना बनाई. पंखुरी की डिक्शनरी तैयार करने की . फिर योजना को मूर्त रूप देते हुए डिक्शनरी तैयार भी कर दी और अब अवसर है उसे आप सब पंखुरी के अपनों से उसे बाँटने का , क्योंकि बिना आप सबसे शेयर किये बिना तो बिटिया की हर बात अधूरी ही है न .
तो लीजिये आप भी देखिये पंखुरी की डिक्शनरी और उसमें संकलित शब्द और बताइयेगा ज़रूर कि आपको ये कैसी लगी ? डा० रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ (उच्चारण) अंकल चाहें तो इनमें से कुछ शब्दों का उच्चारण सही कर सकते हैं, आखिर तो बिटिया अभी सीख ही रही है न-