हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Friday, June 25, 2010

शान की सवारी !!!

पापा,बाबा और चाचू की बाइक्स पर घूमना पंखुरी का सबसे बडा शौक है.चाहे कितनी भी रात हो जाये,जो भी घर लौटेगा,वो बिना पंखुरी को घुमाये घर में नही घुसेगा,ये घर का पक्का नियम बन चुका है ,जिसे कोई नही तोड सकता.लेकिन अपनी गाडी होने की अलग ही शान है , जैसे ही ये लगा ,पंखुरी ने झटपट पापा के साथ जाकर अपनी स्पेशल डाल्फ़िन राइडर खरीद डाली.घर लौट कर सबसे पहले पंखुरी ने उस डिब्बे से खेला,जिसमें  पैक होकर डाल्फ़िन राइडर घर आई थी. वो डिब्बा उसे बहुत अच्छा लगा.
और डाल्फ़िन राइडर...वो तो इतनी प्यारी है कि पूछिये ही मत !बच्चे तो बच्चे, बडे भी देख कर ललचा जाते हैं.  इसी तस्वीर में देख लीजिये,चाचू कैसे ललचा रहे हैं .बेचारे इस पर बैठ नही सकते. बडे जो हैं . 

Thursday, June 24, 2010

ये पंखुरी टाइम्स का पहला अंक है. पंखुरी टाइम्स यानी पंखुरी बेटी का अपना अखबार... ! इस तरह पंखुरी बेटी दुनिया भर में सबसे छोटी अखबार की ओनर बन गयी है. सिर्फ़ डेढ साल की उमर में ये ज़िम्मेदारी काफ़ी बडी है, है न ..., इसीलिये पंखुरी बेटी ने इस अखबार के लेखन-प्रकाशन के ज़िम्मेदारी उन बडे लोगो को सौंपी है , जो फ़िलहाल ये काम कर सकते हैं. जैसे पंखुरी की बुआ , पापा और चाचू... ! इस अखबार में पंखुरी और उसकी प्यारी दुनिया से जुडे समाचार होंगे, जो पंखुरी के दोस्त और सारे अपने लोग पढ सकेगें. यहाँ पर पंखुरी की पर्सनल फोटो गैलरी भी होगी, जिसमें सब उसे देख सकेंगे. और भी ढेर सारी प्यारी-प्यारी बातें होंगी. बस आप ये अखबार पढते रहिये, पंखुरी के दोस्त बनते रहिये !