हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Thursday, November 11, 2010

रुनझुन दीदी का बर्थडे : A very special occasion 4 pankhuri !

सात नवंबर को पंखुरी ने एक बहुत स्पेशल बर्थ डे पार्टी अटेण्ड की, उसकी प्यारी रुनझुन दीदी की बर्थ डे पार्टी ! इस पार्टी की एक स्पेशियेलिटी ये भी थी कि इसमें पंखुरी बेटी एज़ ए चीफ़ गेस्ट इनवाइटेड थीं और इसके लिये रुनझुन दीदी ने अपने हाथों से पंखुरी के लिये  इन्विटेशन कार्ड बनाया था. आप भी इसे देख सकतें हैं---- 

ये रहा वो प्यारा कार्ड
इसमें आप तोशी यानी रुनझुन दीदी और पंखुरी बेटी को क्लोज़अप में देख सकतें हैं .
और ये रही उस प्यारी शाम की कुछ सुंदर-सुंदर तस्वीरें.................., an exclusive photo-report, specially for you !

रुनझुन दीदी, रचित भैया और पंखुरी .
पंखुरी, प्रदीप फूफाजी की गोद में .
प्रदीप फूफाजी, रुनझुन दीदी, रचित भैया और पंखुरी .
पापा के संग पंखुरी .
केक काटने की तैयारी...
ये रहा सबका फ़ेवरेट पाइनएपल केक...
ये कटा केक......
और गया पंखुरी के मुँह में....
सचमुच टेस्टी...यम्म्म्म्म्म्म्म्म
इतने बडे बलून्स ....
बेटी कैसे पकडे ?
बिटिया.., अपनी दीदी संग....
हम दोनों हैं , एक जैसे....
वाओऽऽऽऽ, हमारी हेयर क्लिप्स भी एक जैसी....
इसी बात पे छूटी.... हँसी की ये फ़ुलझडी ....
पार्टी ओवर होने के बाद गिफ़्ट खोलने में दीदी की मदद किसने की?     और कौन .....,  पंखुरी ने.... भई !
बेटी ने लगाया टाम और जेरी को फोन ...
ओ नोऽऽऽऽ, ये तो रांग नंबर लग गया .... ही-ही-ही
ये प्यारा सा मंकी , ओह नहीं, पर्स, रुनझुन दीदी ने दिया रिटर्न गिफ़्ट....
है न मस्त !!! एकदम पंखुरी जैसा .... हा-हा-हा !



Friday, November 5, 2010

Pankhuri wishes A Very Happy Deepaawali to you all...


पंखुरी बेटी आजकल बेहद खुश हैं. वजह है चारों ओर झिलमिल करती रोशनी की झालरें , लतरें और लडियाँ...! बिटिया को वैसे भी झिलमिल रोशनी बेहद प्रिय है , जिसे देख कर उनका खुशी से उछलना-कूदना-नाचना शुरू हो जाता है फिर चाहे वो किसी की गोद में या बाइक पर ही क्यों न हों. 
तो दीपावली के त्योहार  पर हर तरफ़ रोशनी ही रोशनी पाकर बेटी की खुशी और एक्साइटमेंट देखते ही बन रही है. इस बीच बिटिया ने एक नया शब्द भी सीख लिया है - बमऽऽऽऽऽ, जब कहीं से पटाखे की आवाज़ आती है बिटिया दौड कर आती हैं और सबको बताती हैं - बमऽऽऽऽऽ
पापा, बुआ और चाचू पंखुरी के लिये रोशनी वाले पटाखे (आवाज़ वाले नहीं) लाएं हैं, जिन्हें बिटिया ने धनतेरस से ही इन्ज्वाय करना शुरू कर दिया है. काफ़ी व्यस्त हैं मैडम. लेकिन इन सारी व्यस्तता के बावजूद एक बेहद ज़रूरी काम पंखुरी को करना है और वो है अपने सभी अपनों, दोस्तो यानी आप सबको दीपावली विश करना. 
ये काम तो बेटी भूल ही नहीं सकती है. तो ये रही पंखुरी की तरफ़ से आप सबके लिये वेरी-वेरी स्पेशल विशेज़-------
नन्हे दीपों की ये लडियाँ पंखुरी के उन सारे नन्हे ब्लागर दोस्तो के लिये, जो अपने आँगन के दीप तो हैं ही, साथ ही इन्होंने अपने प्यार, स्नेह और दोस्ती से पंखुरी के संसार को भी सुंदर और जगमग बनाया है. पंखुरी की ओर से माधव भैया, चैतन्य भैया, अनुष्का दीदी, पाखी दीदी, इशिता दीदी,चिन्मयी दीदी, आदित्य भैया, सरस पायस और रुनझुन दीदी को दीपावली की मीठी-मीठी शुभकामनाएं !!!


यह जगमग दीप , उन सभी बडों के लिये, जिनका निश्छल दुलार और प्रोत्साहन पंखुरी बेटी और हमारा भी संबल है. बिटिया की ओर से सरिता बुआ, कल्पना बुआ, शुभम आंटी, रानी आंटी, आकांक्षा आंटी, के.के. अंकल, रवि अंकल, रंजन अंकल, मयंक अंकल, यश(वन्त) अंकल और चीनू दीदी को दीपावली की बहुत-बहुत बधाइयाँ ...!

Monday, November 1, 2010

Down the memory lane...

दिन है सुहाना, आज पहली तारीख है. आज से शुरू हो रहा है नवंबर महीना.अगले महीने यानी दिसंबर की बीस तारीख को पंखुरी का सेकेण्ड बड्डे होगा , ये तो आपको पता ही है. तो हमने सोचा है कि क्यों न हम बेटी के दोस्तो के साथ उनकी कुछ वो मस्तियाँ बाँटे जो हमने कैमरे में कैद तो की थी मगर किसी वजह से उसी वक्त आपसे शेयर नहीं कर सके थे.अब उनके जन्मदिन तक हम कुछ-कुछ ऐसे ही फ़ोटोज़ आपसे शेयर करेंगे. 
 इस बार वो फ़ोटोग्राफ़्स, जो हमने पिछ्ले अक्टूबर यानी एक साल पहले खींचे थे. कुल जमा दस महीने की थीं मैडम, लेकिन दस का दम तो देखिये, बदमाशियों में कहीं कोई कमी नहीं थी.और हमेशा की तरह हम इन्हीं अदाओं पर फ़िदा थे.........
दो दतुलियाँ आ चुकी थीं..., सो क्यूट !

कजरारी ज़ुल्फ़ें भी तब हुआ करती थीं
चाचू की गोद मे गुडिया...
रसगुल्लाऽऽऽऽऽऽऽऽ
बाँसुरीवादन..., सुनेंगे क्या ? ही-ही-ही
किन्नी प्यारी...............

कोई देख रहा है क्या ?
शोनाऽऽऽऽऽऽ
हँस दी..........
गोलगोल है, भई सब गोलगोल है......
हीरे-मोती सी आँखों में छुपी शरारत

 ओ रे बाबा , बिटिया इत्ती हैरान क्यों ?
मैं हूँ पंकुली !!!!