हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Monday, May 2, 2011

एक शाम गंगा के किनारे ....

पंखुरी बेटी के शहर की वैसे बहुत सारी विशेषताएँ हैं . विश्वविख्यात शहर बनारस जो ठहरा....लेकिन बिटिया को इनमें से सबसे ज्यादा पसंद है  माँ गंगा की धारा और किनारा यानी घाट...वैसे तो पंखुरी के घर एकदम पास ही गंगा घाट है जहाँ बेटी अक्सर ही जाया करती हैं लेकिन इस बार बेटी रविवार की शाम बनारस के प्राचीन घाट दशाश्वमेघ  घाट पर घूमने गयीं और खूब अच्छा लगा उन्हें . इस मज़ेदार और यादगार आउटिंग की फ़ोटोज़ ...ख़ास आप सबके लिए...
कितना सुंदर...


पापा ने बेटी को पानी में ध्यान से देखने को कहा...बेटी ने देखा और ये क्या...पानी में तो मछली थी...

...फिर तो बेटी ने पानी में छप-छप किया और गुनगुनाने लगीं......मछली जल की रानी है...


...हैरत भरे मासूम सवाल पूछती बिटिया

...और सही सटीक जवाब सोचते पापा

...बेटी के मन में हमेशा की तरह बस एक ही सवाल था

...आश्चर्य से भरा हुआ

...“ पूलाऽऽऽ मऽऽम्म ” (इतना-पूरा- पानीऽऽऽ)

...सब तरफ़

...यहाँ से वहाँ तक पानी ही पानी

ह्म्म्म , अगली बार बोटिंग भी करनी है .

4 comments:

  1. हम्म्म्म्म! वाह पंखुरी! क्या बात है!! आपको देखकर तो मेरा मन भी बनारस के घाट पर बैठने का और ढेर सारा पानी देखने का कर रहा है...अगली बार चूकना मत और पापा से कहकर बोटिन्ग ज़रूर करना..

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  2. बहुत सुन्दर..

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