हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Friday, August 10, 2012

सावन के झूले पड़े !!!

लीजिए जी .....इस बार बेटी की मस्ती सावन में.... शहर में कई-कई जगह लगते हैं सावन के मेले , जो भादो भर चलते रहते हैं यानी अगर सावन में चूक गए तो भादो में ही सही घूमने का काम हो ही जाना है तो बेटी ने यही किया. इस बार भादो में घूमी सावन का मेला ...बुआ के साथ और कितनी मस्ती , कितना इंज्वाय किया ....आप खुद ही देख लीजिए..........
 
 


2 comments:

  1. Wow!!!! बहुत मस्ती की है तुमने...शानदार राइड्स...
    Keep Smiling..:)

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  2. अरे वाह! हमारी बिटिया रानी ने तो खूब मस्ती की है... सावन हो या भादो बिटिया को तो मस्ती करने से मतलब है.... हैं ना पंखुरी !!!..... आपको देखकर मुझे भी अपना बचपन और बनारस के मेले याद आ गए... खूब इन्जॉय करो...मस्त रहो... अच्छा लगता है तुम्हे यहाँ देखना और तुम्हारी भोली बातों को जानना....:)

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