हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Saturday, October 29, 2011

पंखुरी की वाइल्ड फ़ोटोग्राफ़ी !

ये बात तो हमने आपको बहुत पहले बताई ही थी कि बेटी अब फ़ोटोग्राफ़ी की भी शौक़ीन हो गयी हैं और घर में किसी के भी हाथ में कैमरा हो तो पंखुरी को फ़ौरन वो चाहिए ही चाहिए...
पहले तो क्लिक करने में कुछ मेहनत सी लगती थी बिटिया को...मगर अब बहुत आराम से पूरा फ़्रेम सेट करके क्लिक हो जाता है. यही नहीं ...अगर कैमरा ऑफ हो तो बेटी ऑन भी कर लेती हैं और अगर उनसे नज़र बचा कर बैटरी निकल लेने की जुगत लगाई जाए तो फ़ौरन बताती हैं...
'' बैप्ली (बैटरी) नहीं है...लिगाओ ...'' 

अब देखिये बेटी की फ़ोटोग्राफ़ी के कुछ मज़ेदार नमूने.... 
सबसे पहले ये चींटी रानी जिन्होंने इस पोज़ के लिए बेटी को खूब दौड़ाया...पंखुरी बार-बार फ़्रेम सेट करती लेकिन जब तक क्लिक करने की बारी आती ...चींटी मैडम फ़्रेम से बाहर.....लेकिन बिटिया ने भी हार न मानी और फोटो खींच कर ही चैन लिया...


ये दूसरी वाली फोटो लेने में उतनी मेहनत तो नहीं करनी पड़ी...बस चार-पांच बार बाबा से कहना पड़ा कि
 '' उथो बाबा...खल्ले (खड़े) हो जाओ ''

पहले तो बाबा ने समझाने की कोशिश की... कि वो बैठ कर भी पंखुरी बेटी से ऊँचे हैं इसलिए उनकी फ़ोटो बैठे-बैठे ही ली जानी चाहिए लेकिन पंखुरी का मानना था कि अगर फ़ोटोग्राफ़र खड़ा हो तो फ़ोटो खींचवाने वाले को भी खड़ा होना चाहिए और  अंततः उन्होंने बाबा को इस बात पर राज़ी कर ही लिया...

अब ये फ़ोटो देखिये ....सचमुच बिटिया ने खींची है. बुआ और चाचू का एक बेहतरीन पोज़, जिसके लिए बेटी को एक बिग थैंक्यू ...............और ढेर सारा पा sssssss

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