शारदीय नवरात्रि की नवमी की सुबह बेटी के लिए बहुत स्पेशल थी . घर में कुमारी-पूजन जो था. पिछले दिन से ही तैयारी चल रही थी. लेकिन बेटी को क्या पता....?
उन्हें तो कुछ स्पेशल होने का अहसास तब हुआ जब सुबह-सुबह नहा कर घर की सरगर्मी पर गौर फ़रमाया.फिर कुछ ही देर में जब बिटिया की सहेलियां आने लगीं तो उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा...और दरअसल तब ही उन्हें कुछ स्पेशल होने का पता चला :-)
पंखुरी बिटिया ने तुरंत सबको इन्फ़ोर्म किया -
'' आज मेला एप्पी बददे है ''
हाँ भई...बेटी ने इतने सारे दोस्तों की भीड़ एक साथ तो बर्थ डे पार्टीज़ में ही देखी थी अभी तक.
कुछ भी हो.... मज़ा आ गया....
नन्ही बेटी और उनकी सखियों ने भोग लगाया और हम नव देवियों को जिमा के पुण्य के भागी बने.
पूजन |
बुआ ने बेटी को .... |
तिलक लगाया.....और |
और आरती उतारी... |
देवी तैयार ......भोग लगाने को....! |
गुप-चुप...गुप-चुप.... |
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