हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Saturday, March 26, 2011

पंखुरी पहुँची कल्पना बुआ के घर...

होली के बाद मिलने-जुलने का सिलसिला शुरु हुआ तो बेटी को कल्पना बुआ के घर जाने का मौका मिल गया. ये बात दूसरी है कि वहाँ कल्पना बुआ नहीं मिलीं. वो प्रदीप फ़ूफा जी, रुनझुन दीदी और सार्थक भैया के साथ गाँधी-धाम,गुजरात में जो रहतीं हैं. लेकिन बेटी को वहाँ रचित भैया और नन्हीं चारवी से मिलने का सुंदर मौका मिल गया जिनसे वो बहुत दिनों से नहीं मिली थीं. वहाँ पंखुरी बेटी ने खूब अच्छा टाइम बिताया. ये रहीं वहाँ की कुछ प्यारी फ़ोटोज़...........

एक जगह जब जमा हों तीनों.............
बेटी बोलीं - पापा इसे भी घर ले चलो न....!
रचित भैया की गाडी में पंखुरी ने सैर की.........
लेकिन रचित भैया को गाडी में नहीं बैठाया... बूहू...हू... :-(

वहाँ बेटी दादी आंटी से भी मिली....
हम साथ-साथ हैं.........
कित्तीऽऽऽऽऽऽऽऽप्यारी..... नन्ही चारवी... !

5 comments:

  1. तुम्हारे साथ नन्ही चारवी से मिल कर बहुत अच्छा लगा पंखुरी!सभी फोटो बहुत ही अच्छे हैं.

    With Love-

    ReplyDelete
  2. hhhmmmm...khub masti hui hai holi me...

    ReplyDelete
  3. बहुत अच्छे ...सुन्दर फोटोस

    ReplyDelete
  4. हम्म्म्म.....तो तुम सब ने मिलकर खूब मस्ती की .....बहुत खूब अच्छा लगा देखकर.....तुम तीनों को ढेर सारा प्यार....

    ReplyDelete