हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Friday, September 24, 2010

पंखुरी ने मंदिरों की सैर की !

इन दिनों पंखुरी खूब घूम-फिर रहीं हैं. पिछले सन्डे की शाम को बिटिया घूमने के लिये जहाँ गयीं, वो था वाराणसी का प्रसिद्ध श्री तुलसी मानस मंदिर और अभी नया बना बहुत सुन्दर त्रिदेव मंदिर ! अब इस सैर का मज़ा तो तब तक अधूरा ही रहेगा जब तक बिटिया अपनी बातें , अपने दोस्तों यानी आप सब से न बाँट ले, तो आइए इस बार बिटिया के साथ चलते हैं , मंदिरों के शहर के इन मंदिरों की सैर पर ..
जब पंखुरी तुलसी मानस मंदिर पहुँचीं तो इतना बडा परिसर देख कर आश्चर्य में डूब गयी...
ये आश्चर्य कुछ देर बना रहा...

अँधेरे में जगमगाता मंदिर बिटिया को हैरान जो कर रहा था...


लेकिन कुछ देर बाद बिटिया के मुख पर मुस्कान आ ही गयी...
फिर वहाँ बिटिया को एक बडा सा पाण्ड दिखाई दिया और उससे कुछ और भी था.....
क्या है...? ज़रा पास से देखा जाए.....

और पास से....
अचानक बिटिया बोली हद्दा ...( वो सारे जीव-जन्तुओं को हड्डा जो कहती हैं), वो तो पापा ने बताया कि नही बेटा , ये हड्डा नहीं , फ़्रोग (मेंढक) है.  

 इसके बाद बिटिया पापा के साथ त्रिदेव मंदिर पहुँची. वहाँ रंगीन फ़ाउन्टेन को देखा.जिसे देख कर एक बार फिर उनका मुँह खुला का खुला रह गया.
ऐसा रंगीन और उछलता-कूदता-नाचता मम्मा (पानी)... !! बिटिया को यकीन नहीं आया तो फिर पास जा कर भी देखा ...
वो जगह भी बेटी की दौड-भाग के लिये एकदम मनमाफ़िक थी....
तो इसका पूरा-पूरा आनंद उन्होंने उठाया.....
और इस तरह पूरी हुई पंखुरी बेटी की एक और मज़ेदार, मस्ती भरी यादगार यात्रा... !

6 comments:

  1. khoob ghoom liya pankhriji..... photos to bata rahe hain u really had fun.....

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  2. kya baat hai pankhuri? khoob masti ho rahi hai.

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  3. shabash pankhuri!!!.....khoob ghoomo-phiro, masti karo..aur apni bholi muskan ke phool yun hi bikherati raho.....

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  4. मजा आ गया.. अब कहाँ घूमना है?

    प्यार

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