हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Tuesday, September 21, 2010

पंखुरी सारनाथ घूमने गयी !


आपको तो पता ही होगा. वाराणसी के प्रसिद्ध स्थानों में से एक सारनाथ भी है.पंखुरी बेटी को नहीं पता था. वो तो उसे पता चला जब वो पापा-मम्मी के साथ सारनाथ पहुँची. वहाँ पहुँच कर बिटिया ने इतना मज़ा किया कि पूछिये मत ! वहाँ कि इत्ती सारी बातें हैं कि एक बार में बताई नहीं जा सकतीं . तो बिटिया ने सोचा कि वो सारी बातें अपने दोस्तों से क्यों न एपिसोड बना कर बताई जाएं ,तो लीजिये पेश है पहला एपिसोड -
घुसते ही बिटिया हैरान हो गयी, ओह इत्ता लंबा रास्ता...,क्यों न कुछ दूर चल कर आराम कर लिया जाए...!फिर आगे चिडियाघर भी तो जाना था .
ये क्या ..., इत्ती बडी चूं-चूं (चिडिया)
पापा ने बताया कि ये बगुले और बत्तख हैं . वाओ कित्ते मज़ेदार...
फिर मम्मी की गोद में चढ कर पंखुरी ने रैबिट्स भी देखे.
फिर अचानक बिटिया को दिखाई पडा एक बडा सा पाण्ड, जिसमें भरा था खूब सारा मम्मा...(पानी)!वो तो फिर से हैरान हो गयी...
 
फिर पंखुरी को मम्मा में दिखाई दी एक बोट..., वाओ वहाँ तो बोटिंग भी हो रही थी. बेटी का मन मचल गया. अब पापा ने पंखुरी को बोटिंग कराई या नही , ये जानने के लिये मिलते हैं अगले एपिसोड में... !

5 comments:

  1. बहुत सुन्दर ....मस्ती जारी रहे
    नन्ही ब्लॉगर
    अनुष्का

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  2. नए दोस्तों के लिए इधर-उधर कहाँ भटकती हो?
    सीधे यहाँ चली आओ -
    मन को भाने नए दोस्तों का दिन आया : सरस चर्चा (14)

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  3. kya baat hai pankhuri....khoob masti ho rahi hai aaj-kal.....jaldi-jaldi milo... hamen bhi to sarnath dekhana hai na, tumhari nazar se......

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  4. मजेदार यात्रा , अगली कड़ी का इन्तेजार रहेगा

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  5. चूँ चूं...

    दोनों कर रह थे..

    प्यार/

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