हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Wednesday, April 13, 2011

baby with baby

अगर ये बात पंखुरी को कहनी हो तो वो कहेंगी बाबू-बाबू  मतलब बाबू  के साथ बाबू , मतलब बच्चे के साथ बच्चा ....ओह बेटी की बातों का कितना मतलब समझाना पड़ता है....है न :-)
अब ये तो आप सब जानते ही हैं कि पंखुरी की दोस्ती दूसरे बाबू लोगों (बच्चों) से कितनी जल्दी हो जाती है. बेटी के घर जमुना दीदी आती है बर्तन साफ करने के लिए ..., एक दिन वो अपने साथ अपनी चार महीने की बच्ची को भी लेती आई . फिर क्या ....पंखुरी को वो बाबू इतना पसंद आया कि जब जमुना उसे लेकर जाने लगी तो पंखुरी ने रो-रो कर सारा घर सिर पर उठा लिया और आखिर जमुना को आधे घंटे एक्स्ट्रा रुकना ही पड़ा ताकि पंखुरी बेटी बाबू से खेल सकें . अब इतने छोटे बाबू से खेलती कैसे ....सो बेटी को उसे गोद में बिठा कर ही संतोष करना पड़ा. गनीमत कि इतने में ही वो मान भी गयीं वरना जाने क्या होता ... ?
पापा ने ये  सारे दृश्य यादगार बनाने के लिए कैमरे में कैद कर लिए. आप भी देखिये......
पहले बेटी ने बाबू को बड़े चाव से छू कर देखा...
फिर उसे जूती पहनाने में भी हेल्प की...
और फिर बाबू को गोदी में ले लिया ...
ओहो ... ये बाबू तो कुछ ज्यादा ही भारी था , आई मीन भारी थी भई... ही-ही-ही
थोड़ी देर बाद वो बेटी की गोदी से धीरे-धीरे सरकने लगा ...
ओए ...पकड़ के रखना ...,छोड़ना नहीं ....,जोर लगा के हईशा....
ओ....नो.....बाबू तो बेटी की गोदी से  फ़िशलू -फ़िशलू  हो गया (फिसल  गया ) हो-हो-हो....ही-ही-ही.


अरे बाबा घबराने की कोई बात नहीं . बाबू को चोट थोड़े ही न लगने पाई.वहाँ पापा जो थे.

3 comments:

  1. Pankhuri is so Lovely!!!बड़े होने पर वो भी इन मस्ती भरे दिनों को मिस करेगी.

    ReplyDelete
  2. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (16.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

    ReplyDelete
  3. पंखुरी को आशीष.....

    ReplyDelete