हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Friday, June 24, 2011

पंखुरी की बातें (3)

पंखुरी बेटी बीस जून को पूरे ढाई साल की हो गयीं और पता है उसी दिन बेटी ने अपना पहला पूरा सेंटेंस (वाक्य) बोला- चाचू , तीबी नाई आ लई ऐ . (चाचू ,टीवी नहीं आ रही  है.)
है न मज़ेदार बात. अब पंखुरी की बातें और भी स्पष्ट हो रही हैं.वो नयी बातें कहना और समझाना भी सीख रही हैं.अब घर से जब कोई बाहर जाता है तो बेटी कहती है - टाटा, बाय-बाय, सी यू और फिर कहती हैं - जल्दी आना ... पहले कहती थीं आयेंगे लेकिन अब सीख लिया है कहना - जल्दी आना...

पापा जब बाथरूम में होते हैं तो पंखुरी बाहर खड़े हो कर आवाज़ देती रहती 
हैं . पहले ऐसा करते हुए कहती थीं - पापा कोल्लो...बाबू कल्ली.... (पापा खोलिए, पंखुरी खड़ी है...) लेकिन अब बात और स्पष्ट हो गयी है और बेटी कहती हैं - पापा खोलो, पंकुई खल्ली ऐ


 
पंखुरी ने आज ही एक और नया वाक्य कहना सीखा - सारे बिस्तर-तकिये-गद्दे पर उछल-उछल कर कूदना और ज़ोर-ज़ोर से कहना - मज्जा आ लहा ऐ .(मज़ा आ रहा है.) 
और हाँ ...पंखुरी बेटी आजकल घर भर की नयी अलार्म-घड़ी बन गयी हैं. इसके लिए बेटी ने पहले अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज़ के फंडे पर अमल किया मतलब रात नौ बजे तक सो जाना और सुबह पांच बजे जाग जाना ...अब जब बेटी सुबह उठती हैं तो बाबा के सिवा घर के सभी लोग सो रहे होते हैं. ऐसे में बेटी सबसे पहले बुआ के पास आती हैं और कहती हैं - बुआ उत्तोSSSS ,पंकुई जग .... (बुआ उठो, पंखुरी जग गयी है) फिर चाचू  और पापा  को जगाया जाता है, वो भी इतने  प्यार से ,कि उठने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचाता...

पंखुरी , तनु दीदी के साथ...
 एक और बहुत मज़ेदार खबर.....बुआ के बेड पर सुबह-सुबह धूप आ जाती है. खिड़की के ठीक सामने सूरज उदित होता है. जब पंखुरी बेटी बुआ के साथ सोती हैं तो इस धूप से बहुत परेशान होती हैं. फिर बुआ ने बेटी को बताया कि जैसे चंदा मामा रात में आते हैं वैसे ही सुबह सूरज चाचू आते हैं और वही अपने साथ धूप लाते हैं... बस फिर क्या था ... can you believe ? पंखुरी बेटी ने अपने आप से एक नयी कविता बना डाली - 

छूलज चाचू आयेंगे ... 
दुप्प (धूप) लायेंगे ... 
मिथाई लायेंगे ... 
कोन्ना (खिलौना) लायेंगे...!

और अब सुबह-सुबह पंखुरी धूप देख कर ये कविता गाती रहती हैं.

6 comments:

  1. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (25.06.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

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  2. Sab kuchh achcha chal raha pankhuri.... bahut badhiya

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  3. पंखुरी को जन्मदिन पर ढेर सारी बधाई,शुभकामनाएं और आशीष....

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  4. तुम्हारी ढेर सारी प्यारी-प्यारी बातों की तरह तुम्हारी ये छोटी सी सुन्दर सी कविता भी बहुत ही प्यारी है...कीप इट अप..और भी प्यारी-प्यारी कवितायें बना कर हमें सुनाना...ओ.के.बाय....

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  5. वाक्य बोलने की शुरुआत ही कवितामय!! सचमुच! शायद इसे ही कहते है-पूत के पाँव पालने में ही दिखाई पड़ना..पंखुरी हमें गर्व है तुम पर... तुम निश्चय ही हम-सबका अभिमान हो...तुम्हारे उज्ज्वल भविष्य की ढेरों शुभकामनायें!!!

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  6. कविता तो बड़ी प्यारी बनायी है...!

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