पापा,बाबा और चाचू की बाइक्स पर घूमना पंखुरी का सबसे बडा शौक है.चाहे कितनी भी रात हो जाये,जो भी घर लौटेगा,वो बिना पंखुरी को घुमाये घर में नही घुसेगा,ये घर का पक्का नियम बन चुका है ,जिसे कोई नही तोड सकता.लेकिन अपनी गाडी होने की अलग ही शान है , जैसे ही ये लगा ,पंखुरी ने झटपट पापा के साथ जाकर अपनी स्पेशल डाल्फ़िन राइडर खरीद डाली.घर लौट कर सबसे पहले पंखुरी ने उस डिब्बे से खेला,जिसमें पैक होकर डाल्फ़िन राइडर घर आई थी. वो डिब्बा उसे बहुत अच्छा लगा.
और डाल्फ़िन राइडर...वो तो इतनी प्यारी है कि पूछिये ही मत !
बच्चे तो बच्चे, बडे भी देख कर ललचा जाते हैं. इसी तस्वीर में देख लीजिये,चाचू कैसे ललचा रहे हैं .बेचारे इस पर बैठ नही सकते. बडे जो हैं .
