हमारी नन्ही परी

हमारी नन्ही परी
पंखुरी

Sunday, June 5, 2011

नाईं - नाईं - नाऽऽऽ ईंऽऽऽ ! आच्चे - आच्चे - आऽऽऽच्चेऽऽऽ !!

 अब पहले तो आपको इस शब्द-विन्यास का मतलब समझना होगा ...तो लीजिये हम समझाए देते हैं :-)
 नाईं - नाईं - नाऽऽऽ ईंऽऽऽ !  आच्चे - आच्चे - आऽऽऽच्चेऽऽऽ !!

इसका मतलब है 
नहीं - नहीं - नऽऽऽ हींऽऽऽ ! ऐसे - ऐसे - ऐऽऽऽसेऽऽऽ !! 

...और ये है वो इंस्ट्रक्शन, जो पंखुरी बेटी से हमें मिलता है, तब - जब हम कोई काम उनके हिसाब से न कर सकें :-)
अब शायद आप सोचेंगे कि आखिर हम बड़ों को नन्ही सी बेटी पंखुरी के इंस्ट्रक्शन के हिसाब से काम क्यों करना है भला ? इंस्ट्रक्शन की ज़रूरत तो बड़ों द्वारा बच्चों को होती है , 
क्यों ???? यही सोच रहें हैं न आप ?

...तो हम आपको लगे हाथ ये भी बता दें कि पंखुरी बेटी के साथ ये  स्थिति कभी-कभी उलट जाती है... यानि बेटी हमें इंस्ट्रक्शन देतीं हैं वो भी पूरे जोर-शोर से ...तब तक , जब तक उन्हें समझ कर काम उसी तरह न हो जाए , जैसा पंखुरी का मन है.
ऐसा अक्सर होता है तब,जब पंखुरी को किसी के साथ घूमना हो, किसी की गोद में जाना हो, किसी को अपने खेल में शामिल करना हो या किसी से अपने मन का कोई काम करवाना हो ... ! 


... और बेटी की मीठी बोली में ये निर्देश सुनना इतना अच्छा लगता है कि हम सब थोड़ी देर तक काम जान - बूझ कर उनके कहे से उलट करते रहते हैं, उन्हें परेशान करने के लिए नहीं बल्कि इनसे बार-बार सुनने के लिए - 

नाईं - नाईं - नाऽऽऽ ईंऽऽऽ !  आच्चे - आच्चे - आऽऽऽच्चेऽऽऽ !!
:-)

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