आज हमारी नन्ही बेटी ने हमें ऑफिस फ़ोन किया . पंखुरी बेटी से बात करना एक इतना प्यारा अनुभव है जिसे सिर्फ़ महसूस ही किया जा सकता है. तो लीजिए आप भी हमारे इस प्यारे अनुभव को शेयर कीजिये हमारे साथ...............!!
मैं : हेलो
बेटी : हेलो बुआ.........
मैं : हाँ बच्चा बोलो.
बेटी : हम तुम्हारे लिए आज गुलाब की पंखुरियाँ लाये हैं. तुम जब शाम को घर आओगी तब तुम्हें देंगे.
मैं : अरे मेरा बच्चा मेरे लिए गुलाब की पंखुरियाँ लाया है. थैंक्यू बेटा.
बेटी : हाँ . बुआ क्या तुम्हें फोन से सूंघ (खुश्बू) आ सकती है.
मैं : हाँ
बेटी : सूँघो...कितनी अच्छी खुश्बू है ना.....
मैं : हाँ बहुत ही अच्छी....
बेटी : क्या तुम फ़ोन से इसे छू भी सकती हो बुआ ?
मैं : हाँ .
बेटी : छुओ. ये कितनी सुंदर और सोफ्ट है ना....
मैं : हाँ बहुत ही. बिल्कुल मेरे बच्चा की तरह.
बेटी : तुम रात में जल्दी आना बुआ ये सब तुम्हें देंगे.
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और सच मानिये हमने पंखुरी बेटी से बिल्कुल झूठ नहीं बोला हमें सचमुच खुश्बू आई और गुलाब की कोमल छुअन का एहसास हुआ. अब ये पंखुरी के प्यार का जादू था या कुछ और ये तो सोचने की बात है :-) :-) :-)